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खरगोश, लौमड़ी और हिम तेंदुआ

एक बार, एक खरगोश, एक लोमड़ी और एक हिम तेंदुआ था। वे पिन घाटी के जंगली चरागाहों में एक साथ रहते थे। हिम तेंदुआ जानवरों का शिकार करने के बाद उनका खून पीकर नशा करता था जो उसे बहुत पसंद था, ठीक वैसे ही जैसे मनुष्य शराब पीकर नशा करते हैं।

चूँकि हिम तेंदुआ सभी जानवरों में सबसे ताकतवर था, इसलिए वह लोमड़ी और खरगोश से सारा काम करवाता था। दूसरे जानवर इससे तंग आ गए थे और उन्होंने हिम तेंदुए से छुटकारा पाने का फैसला किया। एक दिन, इंसानों के गाँव में एक शादी थी और जानवर इंसानों के खाने और शराब में हिस्सा लेने और पार्टी का आनंद लेने के लिए गाँव में चले गए। जब पार्टी पूरे जोश में थी, तो खरगोश और लोमड़ी ने कुछ गहने पहने और नाचना शुरू कर दिया। जल्द ही, सभी जानवर नाचने लगे।

हिम तेंदुआ सभी जानवरों में सबसे ज्यादा नशे में था और उसने ज़ोर-ज़ोर से गाना शुरू कर दिया। उसने इतनी ज़ोर से गाया कि उसके गाने ने ग्रामीणों का ध्यान उसकी ओर खींच लिया। खरगोश और लोमड़ी एक-दूसरे को शरारती अंदाज़ में देखकर मुस्कुराए। यह उनका मौका था। उन्होंने एक बहुत लंबी बंदूक ली और उसे हिम तेंदुए पर तान दिया।

हिम तेंदुआ गाना गाते-गाते रुक गया। नशे की हालत में भी हिम तेंदुआ बंदूक को देख चुका था। वह डर के मारे वहीं जड़ हो गया। इस बीच, गाँव वाले भी वहाँ दौड़कर यह देखने आ गए थे कि आखिर इतना हंगामा क्यों हो रहा है। लोमड़ी और खरगोश जल्दी से भाग गए, लेकिन चूँकि बंदूक हिम तेंदुए पर तनी हुई टिका कर रखी हुई थी, वह वहाँ से हिल नहीं सका था।

गाँव वालों की नज़र जानवरों द्वारा फैलाई हुई गंदगी पर पड़ी: खाना, शराब, बिखरे हुए गहने और साथ ही नशे में धुत, हिम तेंदुआ। यह देखकर गुस्से में गाँव वालों ने हिम तेंदुए को मार डाला। जबकि लोमड़ी और खरगोश वहाँ से भाग कर तेंदुए के आतंक से आजाद हो गए।

बेशक, स्पीति में अब हिम तेंदुए हमारे लिए बहुत कीमती हैं और हम में से कोई भी उन्हें कभी नुकसान नहीं पहुंचाएगा। लेकिन आप अभी भी स्थानीय लोगों को हिम तेंदुओं की कहानियां सुनाते हुए सुन सकते हैं जो खून पीना पसंद करते हैं और नशे में रहते हैं…

डॉ. जेन ओर्टन द्वारा साझा की गई कहानी

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