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बालू थकांगबू

बालू थुकांगबू हिमालय में रहने वाला एक छोटा सा आदमी है। स्पीति क्षेत्र में, आपको काजा से किब्बर तक, चिचम से ताशिगांग तक, की से बर तक, डेमुल से साग्नाम तक उसकी कहानियाँ सुनने को मिलेंगी।

कोई भी निश्चित नहीं है कि बालू कहाँ रहता है। पिन घाटी के लोग कहते हैं कि बालू बियुल से आता है, एक गुप्त भूमि जहाँ केवल पवित्र लोग ही प्रवेश कर सकते हैं। किब्बर घाटी के लोग कहते हैं कि बालू गेटे गाँव के ठीक ऊपर स्थित एक जगह से आता है, लेकिन किसी ने उसे लंबे समय से देखा नहीं है।

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बालू के बारे में कहा जाता है कि वह एक फुट लंबा है, साथ ही वह एक फुट ऊंची टोपी पहनता है और एक फुट ऊंची ही छड़ी लेकर चलता है। वह सबकी इच्छाएं पूरी कर सकता है, लेकिन यह तभी सम्भव है जब कि उसे काबू में करके उसकी छड़ी और टोपी छीन ली जाए। हालांकि, यह कोई आसान काम नहीं है, क्योंकि बालू में भालू जितनी ताकत है।

उसका दिखाई देना बहुत मुश्किल है। कुछ लोगों का कहना है कि एक बार किसी ने अपनी आंख के किनारे से ऐसा मिलता जुलता कुछ देखा था जो कि उसके अनुसार शायद बालू था। कुछ का कहना है कि केवल पवित्र या भयभीत आत्मा वाले लोग ही उसे देख सकते हैं। हालांकि, लोग फिर भी कोशिश करते रहते हैं। शायद लोगों को अपनी मनचाही इच्छा पूरी होने का लालच है। कुछ लोग बालू को पकड़ने और उसे नौकर के रूप में रखने की भी कल्पना करते हैं। 

लोगों की यह प्रबल धारणा है कि बालू को इस तरह पकड़ना या बंदी बनाना लगभग नामुमकिन है और बालू यह कभी पसंद नहीं करेगा । यदि ऐसा कभी हुआ तो बालू किसी ना किसी तरह भाग ही जायेगा और बंदी बनाने वालों को दंडित करेगा।

 

कुछ लोगों के अनुसार पुराने समय में बालू की तालाब में खेलता था, जहां कुछ ग्रामीणों ने उसे पकड़ने की कोशिश की थी। उसके बाद से वह डर गया है और वह फिर कभी वापस नहीं आया।

फिर भी पूरे स्पीति में लोगों ने अपनी कोशिश जारी रखी हुई है। सभी अपनी इच्छाओं के मोह में हैं ।

एक समय की बात है जब कुछ ग्रामीणों में से एक ने उसे पकड़ने में कामयाबी हासिल कर ली थी । फिर उसकी छड़ी और टोपी को इतनी ऊँची जगह पर रख दिया था कि वह उन तक पहुंच न सके। बालू को रसोई में नौकर के रूप में रखा गया और हल चलाने के समय, बालू को खेतों में मदद करने के लिए भेजा गया।

हल चलाना कठिन काम है और इसमें सभी की मदद की ज़रूरत होती है। गाँव वालों ने सुनिश्चित किया कि बालू हमेशा मदद के लिए उपलब्ध रहे। उसे खेती के उपकरण बनाए रखने और टूटी हुई चीज़ों को ठीक करने का काम सौंपा गया था। एक दिन हल की छड़ी टूट गई, इसलिए एक लड़के को नई छड़ी लाने के लिए गाँव वापस भेजा गया। लड़का जल्दी में था। उसने रसोई में एक ऊँची अलमारी पर रखी छड़ी देखी और उसे उठा कर खेत की ओर भागा। उसने वह छड़ी लाकर बालू, यानि उस एक फुट के छोटे आदमी को दे दी ताकि वह हल को ठीक कर सके।

जैसा कि शायद आप अनुमान लगा चुके होंगे, लड़का गलती से बालू की छड़ी ले आया था। अपनी छड़ी वापस पाकर बालू भागने में सफल हो गया।

बालू अपने साथ हुए व्यवहार से नाराज़ था और उसने गाँव को शाप दे दिया। काज़ा से किब्बर तक, चिचम से ताशिगांग तक, की से बर तक, डेमुल से सग्नाम तक, लोग बालू द्वारा शापित गाँव के भाग्य के बारे में बात करते हैं। वे इस बात से सहमत हैं कि अपने आकार के बावजूद बालू दुर्जेय है।

फिर भी लोगों ने उसे पकड़ने की कोशिश बंद नहीं की है। शायद लोग अपनी चाहनाओं से बंधे हैं। कुछ लोग अभी भी उसकी एक झलक पाने की कोशिश करते हैं और चर्चा करते हैं कि अगर वह दिख गया तो वे उसे पकड़ने की क्या तरकीब लगाएंगे। अच्छा, आप बताएं कि आपने क्या सोचा है?

डॉ. ​जेन ओर्टन द्वारा साझा की गई कहानी

चिचम, ताशिगांग, की, डेमूल और गेटे स्पीति घाटी में स्थित गाँव हैं और ये स्पीति नदी के बाएं किनारे पर स्थित हैं।

पिन घाटी, स्पीति के अंदर की एक छोटी सी घाटी है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और मेहमाननवाज़ी के लिए जानी जाती है, बिल्कुल स्पीति के बाकी हिस्सों की तरह।

बर और सग्नाम, पिन घाटी में स्थित गाँव हैं।

की तालाब, की गाँव के पास का एक सुंदर तालाब है।

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